चल मिल कर ढूंढे उस एहसास
को जो कल यहीं कहीं छूट गया था
झोली से कुछ पल यहीं कहीं गिर गए थे कल चलते चलते
यहीं कहीं रह गयी थी कुछ पुरानी धुंधली यादें
चल यहीं कहीं कर ले बसेरा अब, और थम जा ए ज़िन्दगी
यहीं कहीं से ख्यालों के जंगल का रास्ता निकलता था
अरमानों के तालाब में हमने डुबकी लगायी थी यहीं कहीं
कोई यहीं कहीं से हमें रोज़ न जाने क्यूँ पुकारता था
चल यहीं कहीं कर ले बसेरा अब, और थम जा ए ज़िन्दगी
कुछ आहटें बंद कमरों में सुनाईं दी थीं यहीं कहीं
यहीं कहीं कुछ बूंदे सूखी खुशियों पर बरसीं थीं
हमने खुद अपने अक्स को पुकारा था यहीं कहीं
चल यहीं कहीं कर ले बसेरा अब, और थम जा ए ज़िन्दगी
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