नज़रों ने अभी भी प्यार भर के रखा हैं उनके लिए ,
उन्होंने आजकल खाली जाम लाना ही छोड़ दिया ।
जिन रास्तों पे हमने यूँ खुद को बिछा दिया ,
उन रास्तों पे उन्होंने आना जाना ही छोड़ दिया ।
लफ़्ज़ों के गुच्छे यूँ सुख कर ही रह गए ,
उन्होंने हमसे बेवजह घंटों बतियाना ही छोड़ दिया ।
कभी किसी मोड़ पर न मिल बैठें हमसे दोबारा ,
यह सोचकर उन्होंने अब मुढंना ही छोड़ दिया ।
तन्हाईयों का ताँता इस क़दर लग गया ,
तन्हाईयों ने तन्हा आना ही छोड़ दिया ।
भूले वो हमें ऐसे कि इक याद ही रह गयी,
अब तो उस याद ने भी याद में आना ही छोड़ दिया ।
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