Tuesday, May 14, 2013

chhodh diya



नज़रों ने अभी भी प्यार भर के रखा हैं उनके लिए ,
उन्होंने आजकल खाली जाम लाना ही छोड़ दिया । 

जिन रास्तों पे हमने यूँ खुद को बिछा दिया , 
उन रास्तों पे उन्होंने आना जाना ही छोड़ दिया  । 

लफ़्ज़ों के गुच्छे यूँ सुख कर ही रह गए , 
उन्होंने हमसे बेवजह घंटों बतियाना ही छोड़ दिया । 


कभी किसी मोड़ पर न मिल बैठें हमसे दोबारा , 
यह सोचकर उन्होंने अब मुढंना ही छोड़ दिया । 

तन्हाईयों का ताँता इस क़दर लग गया ,
तन्हाईयों ने तन्हा आना ही छोड़ दिया । 

भूले वो हमें ऐसे कि इक याद ही रह गयी,
अब तो उस याद ने भी याद में आना ही छोड़ दिया ।  



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