Monday, June 17, 2013
Tuesday, June 11, 2013
Saturday, June 8, 2013
Wednesday, June 5, 2013
Sunday, June 2, 2013
dhalte hue suraj ko...
Clicked this pic on shirdi - shani shingnapur highway in car. I really liked this pic. As usual, written here few lines inspired by this pic.
sunset clicked by jeevan sehgal |
ढलते हुए सूरज को हाथ बढाकर रोका था मैंने
जो मुढ़ कर देखा उसने , उन खाली नज़रों से कुछ तो बोल रहा था
जैसे उन बरसों पुराने तालों को, बिन चाभी के कोई खोल रहा था
ढलते हुए सूरज को हाथ बढाकर रोका था मैंने
कॉपी के पन्नो पे बस कुछ अक्षर लिख कर चला गया था
अपने अधूरे इरादों को जैसे , खुद की आग में ही जला गया था
ढलते हुए सूरज को हाथ बढाकर रोका था मैंने
फिर आज, कुछ अनदेखे ख्वाब यूँ बुने थे मैंने
फिर आज, कल के लिए इंतज़ार किया था मैंने
फिर आज ढलता सूरज से नाता तोड़ा था मैंने
Saturday, June 1, 2013
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